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मरीज : डॉक्टर साहेब.. पहले से ज्यादा ख़राब हो गयी है.
डॉक्टर : दवाई खाली थी क्या?
मरीज : नहीं डॉक्टर साहेब. दवाई की शीशी तो भरी हुई थी.
डॉक्टर : अरे... मेरे कहने का
मतलब है की, दवाई ले ली थी क्या.
मरीज : जी, आपने दवाई दे दी थी और मैंने ले ली थी.
डॉक्टर : अबे, दवाई पीली थी क्या?
मरीज : ओहो, नहीं डॉक्टर साहेब दवाई तो लाल थी.
डॉक्टर : अबे गधे, दवाई को पीलिया था क्या?
मरीज : नहीं. डॉक्टर, पीलिया तो मुझे था.
डॉक्टर : अबे तेरी तो, दवाई को मुह लगाकर पेट में डाला था की नहीं?
मरीज : नहीं डॉक्टर साहेब.
डॉक्टर : क्यों?
मरीज : क्योंकि ढक्कन बंद था.
डॉक्टर : तेरी तो साले, तो खोला क्यों नहीं.
मरीज : साहेब, आपने ही तो कहा था की, शीशी का ढक्कन बंद रखना..
डॉक्टर : तेरा इलाज मैं नहीं कर सकता!
मरीज : अच्छा डॉक्टर साहेब ये तो बता दो की मैं ठीक कैसे होऊंगा
डॉक्टर : अबे तेरी... भाग यहाँ से मैं वो डॉक्टर नहीं हूँ जो तेरा इलाज कर पाए …
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